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मोती दाँत / अमरेन्द्र
Kavita Kosh से
अच्छा-अच्छा जे छौ पोथी
पढ़लेॅ जो मूँ-गरदन गोती
पगड़ी, रस्सी, चादर, ओढ़ना
हेनोॅ की? बस एक्के धोती
दाँत नीमी सें धोवैं छैं की
चमकै छौ जेहनोॅ कि मोती।