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मोर छईयां भुईयां जय होवय तोर / लक्ष्मण मस्तुरिया

Kavita Kosh से
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मैं बंदत हौंव दिन रात वो
मोर धरती मईया
जय होवय तोर
मोर छईयां भुईयां
जय होवय तोर

सूत उठ के बड़े बिहनिया
तोरे पईया लागव
सूत उठ के बड़े बिहनिया
तोरे पईया लागव
सुरुज जोत मा करव आरती
गँगा पांव पखारव
सुरुज जोत मा करव आरती
गँगा पांव पखारव

फेर काया फूल चढ़ावव
वो मोर धरती मईया
हाय रे मोर छईयां भुईयां
जय होवय तोर

तोर कोरा सब जीव जंतु के
घर दुवार अउ डेरा
तोर कोरा सब जीव जंतु के
घर दुवार अउ डेरा
तहीं हमन के सुख दुःख
अउ ये जिनगी के घेरा
तहीं हमन के सुख दुःख
अउ ये जिनगी के घेरा

तोर मया मा जग दुलरामय
वो मोर धरती मईया
हाय रे मोर छईयां भुईयां
जय होवय तोर

राजा परजा देवी देवता
तोर कोरा मा आईन
राजा परजा देवी देवता
तोर कोरा मा आईन
जईसन सेवा करिन तोर
वो तईसन फल ला पाइन
जईसन सेवा करिन तोर
वो तईसन फल ला पाइन

तोर महिमा कतक बखानव
वो मोर धरती मईया
हाय रे मोर छईयां भुईयां
जय होवय तोर