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यह काम कठिन तेरा ही था / हरिवंशराय बच्चन
Kavita Kosh से
यह काम कठिन तेरा ही था, यह काम कठिन तेरा ही है।
तूने मदिरा की धारा पर
स्वप्नों की नाव चलाई है,
तूने मस्ती की लहरों पर
अपनी वाणी लहराई है।
यह काम कठिन तेरा ही था, यह काम कठिन तेरा ही है।
तूने आँसू की धारा में
नयनों की नाव डुबाई है,
तूने करुणा की सरिता की
डुबकी ले थाह लगाई है।
यह काम कठिन तेरा ही था, यह काम कठिन तेरा ही है।
अब स्वेद-रक्त का सागर है,
उस पार तुझे ही जाना है,
उस पार बसी है जो दुनिया
उसका संदेश सुनाना है।
अब देख न ड़र, अब देर न कर,
तूने क्या हिम्मत पाई है!
यह काम कठिन तेरा ही था, यह काम कठिन तेरा ही है।