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यह पीढ़ी / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
इयर फोन में
सिमटी
दुनिया
उसे नहीं परवाह
पढ़ाई की
लड़ाई की
है परवाह तो
नए मॉडल के फोन की
फलाने मॉल की सैर की
ब्रांडेड जिंस की
और
माँ-बाप की बातों को
अनसुना करने की
और
माँ-बाप बेचारे
पुराने अखरबार से हो गए
आज ताजे
शाम बासी