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याचना / शारदा झा
Kavita Kosh से
माँ हम किएक अधीर भेल छी
गति-अवगति के ज्ञान ने बूझल
जीवन पथ के बाट ने सूझल
देखिते देखिते बयस बीति गेल
तइयो ज्ञानक आँखि ने फूजल
हृदयक आशा अहींक देल छी
माँ हम किएक अधीर भेल छी
माँ छी अहाँ करुणा के सागर
ज्ञान बिंदु सँ भरि दिय' गागर
अज्ञानक खुट्टा सँ बान्हल
त्राहिमाम बलिकट्टा छागर
जीवन-मृत्यु सब अहींक खेल छी
माँ हम किएक अधीर भेल छी
नीक बेजाय मे मोन भरमायल
नेना बुझि अहाँ बाट देखाओल
चान तरेगन बनि क' हम्मर
हृदय मे आसक दीप जरायल
सुख-दुख माया क्षणक लेल छी
माँ हम किएक अधीर भेल छी