भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

युद्ध का आगमन : ऐक्टियन / एज़रा पाउंड / एम० एस० पटेल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लीथी<ref>अधोलोक में बहने वाली एक विस्मृत नदी। मृतकों ने इसका जल पिया तो सांसारिक जीवन को वे हमेशा के लिए भूल गए ।</ref> की प्रतिमा
और खेत —
धुन्धली रोशनी से भरपूर
लेकिन सुनहरे,
कत्थई चट्टानें,
और उनके नीचे
ग्रेनाइट से भी कठोर
अचल, असमाप्त
एक समुद्र ।

देवताओं की माया से
उत्कृष्ट रूप,
डरावनी आकृति,
किसी ने कहा —
’एक्टियन<ref>प्राचीन यूनान में बीओश प्रदेश का नायक, जिस ने रोम में चन्द्रमा और शिकार की देवी मानी जाने वाली डीयेन को नहाते हुए देख लिया था। इस पर देवी ने उसे हरिण बना दिया और फिर उसके ही कुत्ते से उसके टुकड़े-टुकड़े करवा दिए ।</ref> है ।’
सुनहरे पैर के कवच का ऐक्टियन !

स्वच्छ घास के मैदानों पर,
प्रातन जनसमूह की
मौन शवयात्रा,
उस खेत के शान्त चेहरे पर,
अस्थिर, अनवरत गतिशील ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : एम० एस० पटेल

शब्दार्थ
<references/>