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युवकों से आह्वान / मिगुएल हेरनान्देज़ / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
ख़ून अगर बहता नहीं है
और अगर युवक में हिम्मत नहीं है
तो वह ख़ून ख़ून नहीं है
और वह युवक युवक नहीं है
न ही रक्त चमकता है
न ही युवक खिलता है
जो लोग पैदा होते हैं
और जीवन से हार जाते हैं
वे पराजित और नीरस ही मर जाते हैं
एक पूरी सदी की उम्र लेकर वे आते हैं
और जब आते हैं, वे तब भी बूढ़े होते हैं
मूल स्पानी से अनुवाद : अनिल जनविजय
और लीजिए अब यही कविता मूल स्पानी में पढ़िए
Miguel Hernández
LLAMO A LA JUVENTUD
Sangre que no se desborda,
juventud que no se atreve,
ni es sangre, ni es juventud,
ni relucen, ni florecen.
Cuerpos que nacen vencidos,
vencidos y grises mueren:
vienen con la edad de un siglo,
y son viejos cuando vienen.