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रंग हिरोशिमा / लाल्टू
Kavita Kosh से
ब्लैक ऐंड ह्वाइट फ़ोटोग्राफ़ में गुलाबी
जो भाप बन कर उड़ गया
आँखें फाड़ हम देखते हैं रंग हिरोशिमा
जानते हैं कि हमारे चारों ओर फैला रंग अंधेरा
हिबाकुशा रंग है जीवन का
स्लाइड शो से परे सीटों पर से उड़ते हुए
हमारे प्यार के रंगीन टुकड़ों का
हमारे ही जैसे दिखते हैं दानव
जिनका कोई देश नहीं, नहीं जिनकी कोई धरती
वाकई रंगहीन वे जो धरती से छीन लेना चाहते हैं हरीतिमा
रुकते ही नहीं सवाल
अनजाने ही रंगे गए हमारी चितकबरी चाहतों से
देर तक बहती है हिरोशिमा की याद
एक नितांत ही अंधेरे कमरे में फैलती
भोर की सुनहरी उमंग।