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रक्त का संगीत / दिनेश कुमार शुक्ल
Kavita Kosh से
अगर तुमने छू लिया खुद को
कभी एकान्त में
तो हज़ारों साल बाद
भी हमारे रक्त का संगीत आयेगा
उमड़ता ढूँढ़ लेगा तुम्हें
और ले जायेगा