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राख हुए सपने / नित्यानंद गायेन
Kavita Kosh से
गुलाबी के
सपने तो बहुत थे
उन्हें तोड़ने वाले
कहाँ कम थे
रंगीन चूड़ियों
का सपना
सहृदय बालम
का सपना
सबको अपना
बनाने का सपना
जलाई जाएगी
उसे केरोसिन डालकर
नहीं था
ये सपना गुलाबी का
पर
राख हुए सब सपने
गुलाबी के साथ