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रात में गली / उंगारेत्ती

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चिमड़े काग़ज़ के टुकड़े जैसा

सूखा है

आज रात का चेहरा


बर्फ़ से कुन्द

यह ख़ानाबदोश बाँक

गुज़र जाने देती है हमें

किसी भटकते पत्ते की तरह


एक सरसराहट की तरह

इस्तेमाल करता है मुझे

अनन्त समय