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रामराजु का तुमतो काका कहे रहौ / प्रदीप शुक्ल
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हाहाकार मचाए कक्का
सब लंगूर तुम्हार हियाँ पर
रामराजु का तुमतो काका कहे रहौ
तुलसी बाबा तो
रामराजु का
अईसन कबो बखान किहिन ना
रामचंद बानर सेना का
एतनिउ छूट तो कबो दिहिन ना
आजु तुमरिही रजधानी के
बाग़ उजारैं ई सब बांदर
रामराजु का तुमतो काका कहे रहौ
अब कक्का तुमका
का बताई
तुम ते तौ केतनी आस रही
तुम मउनी बाबा बने रहौ
बस देसु क सत्यानास रही
यहु देसु प्रेम तौ ठीक मगर
बस घबराहट है डगर डगर
रामराजु का तुमतो काका कहे रहौ
ओ कक्का!
तुमते बिनती है
अब छप्पन इंच देखाय देव
ई बंदरन का थपरा मारौ,
आँखी काढौ, डेरवाय देव
रोंकि लेव अबहीं इनका,
यहिते पहिले की फून्कैं घर
रामराजु का तुमतो काका कहे रहौ