रामस्वरूप परेश / परिचय
नाम - रामस्वरूप परेश
जन्म - 10 जुलाई 1945
निधन - 6 मार्च 2011
शिक्षा - एम.ए.(हिन्दी),बी. एड.। सेवानिवृत व्याख्याता। व्यक्तित्व- सहज, सरल एवं अन्तर्मुखी स्वभाव वाले परेश अपनी रचनाशीलता के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहे। आपने कविता, कहानी एवं इतिहास विषयक आलेख लिखे है। आप शुरू से ही पत्रकारिता और साक्षरता साहित्य में सामाजिक विकास, संवेदना और मूल्यगत चेतना को बढ़ावा देने की दृष्टि से सामाजिक सरोकारों में सृजनगत रहे और इस सन्दर्भ में लेखन-संपादन भी किया।
राजस्थानी पत्र-पत्रिकाओं मरुवाणी,ओळमो, जागती जोत, बिणजारो में निरंतर छपते रहे है। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर भी आपकी रचनाओं का प्रसारण हुआ है। राजस्थानी के साथ-साथ आपकी रचनाएँ हिन्दी पत्रिकाओं में भी बराबर प्रकाशित हुई है।
सम्मान एवं पुरस्कार - साहित्य परिषद बिसाऊ, जिला शिक्षा विभाग, शिक्षक सम्मान, पत्रकारिता के लिए चुरू से पुरस्कार, साक्षरता अकादमिक कार्यों के लिए जिला प्रशासन पुरस्कार ,राष्ट्रीय हिन्दी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान, समाज सेवा समिति झुंझुनू आदि अनेक संस्थाओं से पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हुआ है। आप शेखावटी साहित्य, कला एवं संस्कृति अकादमी लक्षमणगढ़ के सदस्य भी रहे है।
रचनाएँ- आयामों का इन्द्र धनुष (काव्य),अंत बिहूण जातरा (राजस्थानी कविता संग्रह), काळ रा दूहा (काव्य), चौराहे से आगे (हिन्दी काव्य) आदि प्रकाशित रचनाएँ हैं। 'विरावाणी' के आलावा कई अभिनन्दन ग्रंथों का सफल संपादन।
योगदान- परेश का राजस्थान की नई कविताओं और कहानी में विशेष योगदान रहा। वे बिम्ब, प्रतीक और सघन संवेदनाओं के कवी थे।