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राय थें तो फलाणा राय का जाया / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

राय थें तो फलाणा राय का जाया
केसरिया केवाणा, दरबारी केवाणा
लिखन्दा केवाणा हो म्हारा राज
झालो दई रया
राज तमारी माता तो फलाणी बऊ
खोळ में सोवाड़िया, आंचलड़ो धवाड़िया
पालणे पोड़ाया हो म्हारा राज
झालो दई रया
राज तमारी बेन्या तो फलाणी बई
आरती संजोवे, मोतीड़े बधावे
चौक पुरावे हो म्हारा राज
राज तमारी गोरी तो फलाणी बऊ
सेज बिछाये, झारी भर लावे
गुंजा भरी लावे, ठंडो पाणी भरी लावे हो राज।