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रास्ते सब बदल जायेंगे / रंजना वर्मा
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रास्ते सब बदल जायेंगे
दीप राहों में जल जायेंगे
रोक पाये न कोई हमें
दूर इतना निकल जायेंगे
ख़ार राहों में जो डालते
वो तो खुद को ही छल जायेंगे
बख़्श दे इतनी हिम्मत ख़ुदा
पीर परवत पिघल जायेंगे
आ भी जाये समन्दर अगर
इक लहर बन फिसल जायेंगे
लाख आयेंगी दुश्वारियाँ
दिल सफ़र में बहल जायेंगे
तोड़ मत दिल किसी का कभी
राह में खिल कमल जायेंगे