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रियाज़ / बेई दाओ
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हवा जंगल की सबसे ग़रीब रिश्तेदार है
अपनी छुट्टियां बिताने के लिए क्षितिज की ओर जाती है
एक नदी में नींबू फेंकते हुए
जिसमें असंख्य घंटियां बह रही हैं
कैमरा प्रकाश का पीछा इस तरह करता है
जैसे पियानो को ट्यून किया जा रहा हो
रति-तृप्ति के बाद की वे संक्षिप्त मूर्च्छाएं
शुद्ध स्वर हैं रंग हैं
युद्ध और लेखन चलते ही रहते हैं
समय के घंटे इनके बीच ही बनाए जाते हैं
लोग अफ़वाहों की तरह इन पर बैठते हैं
शुरू हो जाने के इंतज़ार में
सिगरेट छोडऩा एक तरह से
हाथ से उसकी एक अभ्यस्त भंगिमा छीन लेना है
ऐसा क्यों न कहें
कि मैंने शब्दों को अभी सुलगाया नहीं है?
अंग्रेजी भाषा से रूपांतरण : गीत चतुर्वेदी