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रिश्ता / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
कच्ची मिट्टी था
गढ़ा-पकाया
समर्पण और विश्वास की आंच में
रिश्ता
पका हुआ
सौंप दिया तुम्हें
और कहते हो तुम कि
पकी फसल की तरह होता है
पका रिश्ता।