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रीसलो मीनख / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
जे आवै
तातै दूध पर
मळाई
तो आवै
रीसलै रै
मूंडै पर
लुनाई,
राखै
माथै नै ठंडो
बो बाजै
हिमाळो
नही‘स
सै भाटा
कोई धोळो‘र
कोई काळो !