रूपचित्र / राम सेंगर
क्षण मिलन के
चित्र दर्शन के
कैमरे में भरी सारी रील ।
कर रहे हैं बड़ा अच्छा फ़ील ।
दृश्य में हम
लग रहे हैं भेड़ ।
एक चौघेरा कटीली झाड़ियों का
हिंस्र कुत्तों से हमारी हो रही मुठभेड़ ।
आपने ही तो किया था क़ैद
इस छवि का तरन्नुम कैमरे में
उड़ रही थी
ठीक ऊपर चील ।
कर रहे हैं बड़ा अच्छा फ़ील ।
और भी तो
दृश्य हैं नायाब ।
एक कौआ कान लेकर उड़ गया है
पकड़ कर बैठे हुए हम
नई लय का घाव ।
एक अकड़े पराठे को
कौर में भरकर शिला जो काटता है
हुआ यह भी
दृश्य में तब्दील ।
कर रहे हैं बड़ा अच्छा फ़ील ।