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रूसी चिडियाँ / योगक्षेम / बृजनाथ श्रीवास्तव

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याद रखे हैं
रूसी चिड़ियाँ
ताल हमारे देश के

बहुत दूर
जब उत्तर में दिन
आते शीत हिमानी के
भारत में तब आते हैं दिन
चिड़ियों की मेहमानी के

बिन मोबाइल
उन्हें पता सब
हाल हमारे देश के

ज्योति पर्व
पर दीप जलाकर
खड़े हुए अगवानी में
सँग आकर परिवारों के वे
उतर गये कल पानी में

स्वागत में
यश गाते फिरते
विहग हमारे देश के

इनके सुर की
निर्झरिणी
अब दिशा-दिशा संगीत रचे
ताल किनारे नर्तन इनके
बच्चों के दल रोज नचे

इन्हें पता है
वायु पथों से
मार्ग हमारे देश के