भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रेत (4) / अश्वनी शर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रोहिडा खड़ा है
अग्नि रंग के
लाल नांरगी फूल लिये
रेत में आग कहां होती है
जैसे नहीं होता पानी
रोहिडा भी शायद
मरीचिका है।