रेत का बहाव / सेरा टीसडेल / लाल्टू
मैं इन रेत के टीलों पर फिर से चलना नहीं चाहती थी
हवा से कटती इस रेत की मार सहना नहीं चाहती थी,
जहाँ मेरे ख़यालों-सी किसी अनदेखे हाथों से झुकाई
एक ही दिशा में बहती मोटी घास
मैं लौटी हूँ, जहाँ आखिरी लहरें उछल रही थीं
आस्माँ का आईना है यह गीली रेत,
गाढ़ा नील पल और इसकी चमक के साथ
टिमटिमाती-सी चुस्त टिटहरियाँ दौड़ती हैं
कुछ नहीं बदला, वैसी ही खोखली गरजन लिए
लहरें चिरन्तन बर्फ़ हो जातीं —
जहाँ हम बैठे थे, वह जगह
बहती रेत में खो गई बहुत पहले कभी।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : लाल्टू
और लीजिए अब पढ़िए मूल अँग्रेज़ी में यही कविता
Sand Drift
I thought I should not walk these dunes again,
Nor feel the sting of this wind-bitten sand,
Where the coarse grasses always blow one way,
Bent, as my thoughts are, by an unseen hand.
I have returned; where the last wave rushed up
The wet sand is a mirror for the sky
A bright blue instant, and along its sheen
The nimble sandpipers run twinkling by.
Nothing has changed; with the same hollow thunder
The waves die in their everlasting snow---
Only the place we sat is drifted over,
Lost in the blowing sand, long, long ago.