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रेत पर मछलियाँ / मिथिलेश श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
समुद्र की सारी मछलियाँ
रेत पर आ गई हैं
किसी ने उन्हें यह कह कर बहकाया है
रेत पर धूप में सोना
और आदमी को छूना
नमकीन पानी में जीने से बेहतर है।
भरी दोपहरी में
तप्त रेतीली सतह पर
धूप ओढ़
मछलियाँ खोज रही हैं पानी।