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रेलमपेल / धनेश कोठारी
Kavita Kosh से
हे बुबा!
मिन सुणिं कि अब
डांड्यों-डांड्यों
ओड्यार-ओड्यार
क्वच्चे-कचेक
करणपरयाग
रेल औंणिं च
हां बोडी!
नेतौं का नकन्याटन्
छकछ्याट करि
कागजुं मा
रेलमपेल/ त
होणिंई च