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लटपटी पेचा बांधा राज / मीराबाई
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लटपटी पेचा बांधा राज॥ध्रु०॥
सास बुरी घर ननंद हाटेली। तुमसे आठे कियो काज॥१॥
निसीदन मोहिके कलन परत है। बनसीनें सार्यो काज॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधन नागर। चरन कमल सिरताज॥३॥