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लष्टम पष्टम / रणजीत
Kavita Kosh से
सब कुछ लष्टम पष्टम है
बिगड़ा पूरा सिस्टम है।
कमज़ोरों को गोली मारो
यही यहाँ का कस्टम है।
सत्य, न्याय ईमान अहिंसा
मूल्य-मान सब नष्टम है।
जनसेवा व्यवसाय सियासत
मुज़रिम सबमें रुस्तम है।
चोर लुटेरे प्रथम पंक्ति में
भले आदमी अष्टम हैं।