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लाल कुरती / त्रिलोकीनाथ दिवाकर
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लाल कुरती सिलाय देभौं हे
हाँथ कंगन पिन्हाय देभौं हे
आँख सुन्दर लगै जनाँ हिरणी
नाक बेसर बरै जनाँ किरणी
कान झुमका झुलाय देभैं हे,
हाँथ कंगन पिन्हाय देभौं हे।
गाल कोमल गुलाब के भरनी
बाल ढलकै जनाँ गिरै झरनी
ठोर लाली लगाय दैभौं हे,
हाँथ कंगन पिन्हाय देभौं हे।
गोड़ पायल बजै छमा छमछम
लाल टिकली करै चमा चमचम
सात जनमों निभाय देभौं हे,
हाँथ कंगन पिन्हाय देभौं हे।