भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लिखो! / गिरधर राठी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक ने कहा लिखो भजन सूर-मीरा-से

दूजी ने कहा लिखो प्यानो के लिए गीत-- बाब डिलन,

प्रेस्ले, बैज जैसे गाते हैं।

तीसरी ने कहा लिखो कुछ जो हम समझ सकें।

चौथे ने कहा लिखो घोषणा-पत्र।

पंचम ने कहा लिखो जंग, आग, इंक़लाब।


कहा कवि त्रिलोचन ने लिखो वाक्य पूरा।