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लिफ़ाफ़े के भीतर / रमेश पाण्डेय
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लिफ़ाफ़े के भीतर
तुम्हारी चिट्ठी मिली
लिफ़ाफ़े के भीतर
एक दूसरा लिफ़ाफ़ था
उस पर एक नाम लिखा था
गाँव का नाम, डाकख़ाना, ज़िला
तुमने लिखा था ख़त में
दूसरे लिफ़ाफ़े के भीतर
रेल का टिकट है और
माँ को एक चिट्ठी
लिफ़ाफ़ा कई दिनों से बन्द था
लिफ़ाफ़े के भीतर बंद थी
कई दिनों से एक चिट्ठी
चिट्ठी में कुछ उतावले शब्द थे
जो झमाझम बारिश में
रह-रह कर कजरी गाने लगते थे।