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लोग करने लगे जवाब तलब / राज़िक़ अंसारी
Kavita Kosh से
लोग करने लगे जवाब तलब
अब अदालत में हों जनाब तलब
वो चराग़ों से हाथ धो बैठे
कर रहे थे जो आफ़ताब तलब
ज़ख़्म कुछ और दर्ज करने हैं
कीजिये मत अभी हिसाब तलब
दे चुकी नींद अपनी मंज़ूरी
कर लिए जाएं सारे ख़्वाब तलब
मांगना है तो फिर चमन मांगे
क्यों करें एक दो गुलाब तलब