भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लौट कर लिखनी थी कविता जो / लाल्टू
Kavita Kosh से
यह जो जंग छिड़ी है छत्तीसगढ़ काश्मीर या पाकिस्तान में
इस जंग में कौन सा ईश्वर लड़ रहा किस ईश्वर के खिलाफ़
एक ईश्वर जो चेहरा नहीं दिखाता
एक ईश्वर जो कपड़े नहीं उतारता
एक ईश्वर जिसके बारे में दावा किया गया है कि
वह हुसैन से नाख़ुश घूम रहा है
चलो शामिल हों पुरज़ोर ईश्वरवादी बहसों में
और मूँद लें आँखें इस आँकड़ें से कि
तैंतीस करोड़ धन चार या पाँच ईश्वरों वाले इस मुल्क में
इससे भी ज़्यादा तादाद में लोग हैं भुखमरी के शिकार
दो सौ की दारू की बोतल ख़रीद घर वापस चलते डाँटें
रिक्शा वाले को कि वह दो रुपए ज़्यादा क्यों माँगता है
नाराज़ हों कि साले मूड बिगाड़ देते हैं और गड़बड़ा देते हैं
लौट कर लिखनी थी कविता जो पोलैंड या स्वीडेन के कवियों के तर्ज़ पर।