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वसंत से वसंत / सुरेश ऋतुपर्ण
Kavita Kosh से
वसंत से वसंत की राह में
एक पड़ाव है पतझर
राही ऋतु-चक्र थक कर
सुस्ताता है जहाँ पल भर
वसंत के लालच में
जिसने ठुकराया पतझर
जीवन उसका निष्फल
वंचनाभर