भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
वह जो बीता-3 / सुधीर मोता
Kavita Kosh से
रगड़े झगड़े और
कजयात
छोटी-सी थी
और बढ़ी बात
जो फ़साद पैदा करते
जो ज़ख़्म डालते
मन में गहरा
सब मामलात
जिनके कारण
करते उनसे ही फ़रियाद
कहते निपटाने को।