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वह दिन ज़रूर आएगा / सूरजपाल चौहान
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वह दिन ज़रूर आएगा
जब एक बाभन
अपने बाभन होने पर
शर्म से पानी-पानी होगा
भंगिन का बेटा
करेगा देश का नेतृत्व
पढ़ाएगा एकता का पाठ
और एकलव्य दूर खड़ा मुस्काएगा
अँगूठा दिखाते हुए एक दिन
वह ज़रूर आएगा...।