भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वाद / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

1.
कैन्होॅ ई वाद
पेटोॅ मंे खर नाय
छै जिन्दाबाद!

2.
आदर्शवाद
अगड़ी-पिछड़ी के
मिटै विवाद।

3.
ई छायावाद
जड़-चेतन सें जे
सुनावै नाद।

4.
रहस्यवाद
कण-कण करावै
प्रभु के याद।

5.
ई मिथ्यावाद
वर्ण भेद में जौनें
डालै छै खाद।

6.
ई हालावाद
उच्च-नीच के जे रे
काटै मियाद।

7.
आदर्शवाद
सद् उपदेश सें
करै आबाद।

8.
ई साधुवाद
ऊसर धरती केॅ
करै आबाद।

9.
समाजवाद
सुनै जे फरियाद
मिटै मवाद।

10.
ई साम्यवाद
जल-थल-नभ के
 मिटै विवाद।

11.
यथार्थवाद
नै करै अपवाद
काम के स्वाद।

12.
प्रयोगवाद
कारण-निवारण
के ई संवाद।

13.
ई सुखवाद
मन के राजा छेकै
जीहोॅ के स्वाद।

14.
भौतिकवाद
महत्वाकांक्षी केॅ
डालै छै खाद।

15.
प्रकृतिवाद
जड़-चेतन
सें जे
सुनै छै नाद।

16.
ई पूँजीवाद
अर्थ लेली जे खड़ा
करै विवाद।

17.
ई गाँधीवाद
सत्य अहिंसा करै
देश आजाद।