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विकल्प कोई नहीं जिंदगी अधूरी है / शैलेश ज़ैदी
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विकल्प कोई नहीं जिंदगी अधूरी है।
मिली है जो भी मुझे रोशनी अधूरी है।।
न हो अगर मेरे शेरों में आंसुओं की नमी।
यकीन कर लो मेरी शायरी अधूरी है।
मैं लिख रहा हूँ जिसे मुद्दतों से आपके साथ।
न जाने क्यों वो कहानी अभी अधूरी है।।
नदी न गुज़रे जो टकराके पत्थरों से कभी।
बहाव कहता है उसका, नदी अधूरी है।।
जो दो दिलों को न दे पाये एक सी गर्मी।
किरन वो कैसी भी हो प्यार की, अधूरी है।।
खुशी से हंस भी सकूंगा न मैं कभी यारो।
बगैर उसके मेरी हर खुशी अधूरी है।।