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विज्ञान / रामधारी सिंह "दिनकर"
Kavita Kosh से
बढ़ गया है दूर तक विज्ञान,
बढ़ गयी है शक्ति यातायात की।
किन्तु, क्या गन्तव्य कोई स्थान
है बढ़ा सारे जगत में एक भी?