भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
वे-2 / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
वे
समझा रहे हैं
रोटी के लिए रोना
ओछा काम है
जिन्होंने जाना ही नहीं
भूख
किस चिड़िया का नाम है।