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वैयक्तिक क्रियाकलापों के बीच / नासिर अहमद सिकंदर
Kavita Kosh से
जिस तरह टेढ़ी उंगली किये बगैर
न निकले घी
नमक और शक्कर भी कम से कम हाथों के
अंगूठे और एक उंगली के उपयोग के बिना असंभव
इस तरह वैयक्तिक क्रियाकलापों में
धर्म, वर्ण और जाति तो नहीं
वर्ग अवश्य ही
हाथ और उंगली के इस्तेमाल से
चीन्हा जाना चाहिये !