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वो जिसे मैंने पैसे नहीं दिए / दिविक रमेश

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ऎ,

इधर आ

पैसे दूंगा।


हिलती

हिलाती

एक नाव

उसके चेहरे पर

तैर गई


आँखों से

निचोड़ कर
शक को


पास

आ खड़ी हुई


पास

आ खड़ी रही

चुपचाप


जैसे जवान न हो...वह


एक किरण

छुड़ा कर

सूरज से हाथ

छेड़ गई

पेड़ की

नाक