भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
वो सराबों के समुंदर में उतर जाता है / प्रफुल्ल कुमार परवेज़
Kavita Kosh से
(वो सराबों के समुंदर में उतर जाता है / प्रफुल्ल कुमार ‘परवेज़’ से पुनर्निर्देशित)
वो सराबों के समंदर में उतर जाता है
गाँव को छोड़ के जब कोई शहर जाता है
ऐसा लगता है कि हारा हो जुए में दिन भर
आदमी शाम को जब लौट के घर जाता है
लूट ले कोई सरे आम तो हैरत कैसी
जब कि हर शख़्स गवाही से मुकर जाता है
आज के दौर से जब कोई सुलह करता है
उसके अंदर का जो इन्सान है मर जाता है
अब तो करता नहीं ख़ुद से भी दुआ और सलाम
आदमी अपने बराबर से गुज़र जाता है.