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शब्द (अन्य अनुवाद में) / महमूद दरवेश
Kavita Kosh से
मेरे शब्द जब गेहूँ थे
मैं था धरती ।
मेरे शब्द जब रोष थे
मैं था तूफ़ान ।
मेरे शब्द जब चट्टान थे
मैं था नदी ।
जब मेरे शब्द बन गए शहद
मक्खियों ने मेरे होंठ ढँक लिए ।