भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शब्द देना चाहता हूँ / मणिभूषण सिंह

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छंद या बेछन्द
निष्प्रभ वेदना को
शब्द देना चाहता हूँ।
 
मौन में जिन अनुभवों को
मूक बन जीता रहा हूँ,