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शब्द रहेंगे पास / अमरजीत कौंके
Kavita Kosh से
दुःख होगा
तो हम लिखेंगे कविता
खुश होंगे
तब भी शब्दों में भरेंगे
सारा उल्लास
उदास होंगे
दुनिया से
तब भी शब्दों में करेंगे विद्रोह
हारेंगे प्यार में
तब भी रोएंगे
शब्दों की गोद में सिर रख कर
शब्द हमारा दुःख हैं
हमारा सुख भी हैं शब्द
शब्द हमारी सीमा
हमारी सम्भावना भी हैं शब्द
शब्द हमारी कविता
हमारे हथियार भी हैं शब्द
कुछ भी नहीं होगा जब
तब भी हमारे पास होंगे शब्द
अपनी अनंत संभावनाओं के साथ।