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शवयात्रा में विचार / विस्टन ह्यु ऑडेन / नरेन्द्र जैन

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सारी घड़ियाँ बन्द कर दो
काट दो टेलीफ़ोन के सारे तार
ख़ामोश कर दो मुँह में रसीली हड्‌डी लिए
भौंकते कुत्ते को

पियानो का सँगीत कर दो मुल्‍तवी
और बजते हुए ढोल के सँग
बाहर लाओ शवपेटिका
शोकसन्तप्‍त लोगों को आने दो इस तरफ़

हवाई जहाज़ उड़ें और
आकाश को आच्‍छादित कर दे इस तथ्‍य से
कि वह मृत्‍यु को प्राप्‍त हुआ है

पालतू फाख्‍़ताओं की सफ़ेद गर्दनों के
गिर्द बान्धो क्रेप की रिबन
ट्राफ़िक हवलदार को पहनने दो शोकसूचक
काले दस्‍ताने

वह शख्‍़स
मेरा उत्तर, दक्षिण
पूर्व और पश्‍चिम था
मेरे काम का सप्‍ताह
और मेरा रविवारीय अवकाश

मेरी दुपहर, मेरी अधरात
मेरी बातचीत, मेरा गीत
मैं सोचता था प्‍यार हमेशा जीवित रहेगा
मैं ग़लत था

तारों की अब ज़रूरत नहीं है
हर एक तारे को नोंच दो
चान्द को बाँध दो गट्‌ठर में
और कर दो सूरज को छिन्‍न-भिन्‍न

समुद्र को कहीं बहा दो
और बुहार दो वनों को
क्‍योंकि अब कुछ भी कभी
बेहतर नहीं होगा

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : नरेन्द्र जैन