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शहर आउर गाँव / बैद्यनाथ पाण्डेय ‘कोमल’
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छोडि़ के शहरिया के छल-परपंचवा रे।
गाँव से करी जा अब प्यार।
गाँव धन-मान-मरजदवा बा हमनी के
गांव में बा सरबस हमार।
उठि भिनुसहरा जे चिरई-चुरूँगवन के
रूखवा के फुनुगी प गान।
कोइलर, बगुला मएनिया के सुरवा से
चुप-चुप उतरे बिहान।.....
(अपूर्ण/अनुपलब्ध)