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शहर में साँप / 4 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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साँप
तोरा तेॅ गल्फर में जहर होय छौ
वैं कहलकै आदमी केॅ
माथासे गोर तक
विष ही विष छै।

अनुवाद:

साँप
तुम्हारे तो गल्फर में जहर होता है
उसने कहा/लेकिन आदमी को
सर से पाँव तलक
जहर ही जहर है।