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शहर में साँप / 52 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

Kavita Kosh से
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साँप कहलकै नेता सेॅ
बोर्डर पर
रोजे रोज जवान मारल जाय रहल छै
तोरा कुछ करना चाहियो;
नेता कहलकै
दस-बीस जवान मारलै जाय छै
तेॅ कि वैसेॅ
देश केॅ आबादी घैट जेतै!
साँप कहलकै
तोरा से अच्छा तेॅ दुश्मन छै
जे सामने से वार करै छै
तोंय तेॅ/पीठ में छूरा घेंपे छौं।

अनुवाद:

साँप ने कहा नेता से
बोर्डर पर
रोज-रोज जवान मारे जा रहे हैं
आप को कुछ करना चाहिए;
नेता ने कहा
दस-बीस जवान मारे ही जायेंगे
तो क्या उससे
देश की आबादी घट जायेगी
साँप नेकहा
आप से अच्छा तो दुश्मन है
जो सामने से वार करता है
आप तो/पीठ में छूरा घोंपते हैं।
साँप कहलकै नेता सेॅ
बोर्डर पर
रोजे रोज जवान मारल जाय रहल छै
तोरा कुछ करना चाहियो;
नेता कहलकै
दस-बीस जवान मारलै जाय छै
तेॅ कि वैसेॅ
देश केॅ आबादी घैट जेतै!
साँप कहलकै
तोरा से अच्छा तेॅ दुश्मन छै
जे सामने से वार करै छै
तोंय तेॅ/पीठ में छूरा घेंपे छौं।

अनुवाद:

साँप ने कहा नेता से
बोर्डर पर
रोज-रोज जवान मारे जा रहे हैं
आप को कुछ करना चाहिए;
नेता ने कहा
दस-बीस जवान मारे ही जायेंगे
तो क्या उससे
देश की आबादी घट जायेगी
साँप नेकहा
आप से अच्छा तो दुश्मन है
जो सामने से वार करता है
आप तो/पीठ में छूरा घोंपते हैं।