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शहर में साँप / 9 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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साँप
डैंस के भागै छै
किंतु
आदमी वहैं रहै छै
ओकरो मरै तक
इन्तजार करै छै।

अनुवाद:

साँप
डँस कर भागता है
किंतु
आदमी वहीं रहता है
उसके मरने तक
इन्तजार करता है।