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शायद एक नदी / उंगारेत्ती

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यहाँ कोहरा है घना

हमें अपनी लय में समोता हुआ

यह स्रोत है शायद एक नदी का

मैं सुनता हूँ यहाँ मत्स्य-परी का गीत

झील के इस पार

जहाँ शहर था कभी ।